कल मैंन न्यूज पेपर में पढा कि एक तांत्रिक ने एक लडकी को मार डाला। आप पूछेगे कि भला तात्रिक कैसे मार सकता है? तो बात ये है कि मेरठ के एक गांव में एक गरीब परिवार में एक लडकी बीमार थीा उसके मां बाप ने उसका इलाज कराया, लेकिन वह ठीक नही हुयी। इससे निराश होकर लडकी के मा बाप उसे तात्रिक के पास ले गयेा उसने लडकी की झाड फूक की और उसी से उसकी मृत्यु हो गयी।
अब आप प्लीज ये मत पूछना कि लडकी की मृत्यु कैसे हो गयी। मुझे लगता है कि लडकी के माता पिता ने उसका इजाज जिस भी डाक्टर से कराया होगा, वो एम बी बी एस नहीं होगा, इसलिए वह लडकी की बीमारी समझ नहीं पाया होगा। इसके साथ ही साथ यहा पर ये बात भी ध्यान रखने वाली है कि लडकी के मा बाप गरीब थे। उनके पास इतना पैसा भी नहीं होगा। साथ ही उन्होंने सोचा होगा कि लडकी ही तो है, चलो तांत्रिक को दिखा देते हैं। शायद वह ठीक हो जाए। और इस चक्कर में लडकी का देहांत हो गया।
यहां पर कई सारे प्रश्न उठते हैं। पहला तो यह कि गांव में अच्छे डाक्टर क्यों नहीं मिलते हैं? सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। दूसरी बात यह कि गांव के लोग अब भी इस बात में विश्वास करते हैं कि तांत्रिक लोग किसी की बीमारी ठीक कर सकते है। यह एक प्रकार का अंधविश्वास है। हम सबको इसके विरोध में आवाज उठानी चाहिए। मैं अपने ब्लॉग में इस तरह की बाते आगे भी लिखूगीं।
आपको मेरी बाते कैसी लगी, अवश्य बताना। और हॉ, मैंने ये ब्लॉग बनाना जाकिर सर की वर्कशाप में सीखा है। उनके मोटिवेशन से मैंने ये पोस्ट लगाई है। प्लीज आप लोग बताना कि मेरा ब्लाग ठीक बना है कि नही?
Sahi kaha aapne. is par logo ko sochna chahiye.
जवाब देंहटाएंआप नियमित लिखते रहें.. मेरी शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंपता नहीं कब हमारे यहाँ के लोग डॉक्टरों के पास जाना शुरु करेंगे, और इन ओझाओं की झाड़फ़ूँक को छोड़ेंगे। अच्छा विषय उठाया बधाई..
जवाब देंहटाएंनियमित लिखिये.. हिन्दी ब्लॉगिंग में आने पर आपको शुभकामनाएँ
एक कामयाब लेख....
जवाब देंहटाएंचिट्ठा जगत में आपका स्वागत है ।
अगली पोस्ट कब आ रही है ?
जवाब देंहटाएंअच्छा ब्लॉग बना है.बधाई
जवाब देंहटाएंऔर शुभकामनाएँ .लिखती रहीये.
चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंस्वागत है लिखते चलिये। दूसरों के चिट्ठौं पर भी टिप्पणी करें ताकि लोग आपको जाने।
जवाब देंहटाएंआपने अच्छा विषय उठाया
जवाब देंहटाएंबधाई
मेरी शुभकामनाएँ!!
लिखते रहें. शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंब्लाग कैसा बना यह तो नहीं बता पाउंगा क्योंकि इस क्षेत्र की जानकारी कम है । हां आलेख बहुत सुन्दर लगा, वाक्यों का चयन सुन्दर है । हमेशा हर माध्यम से कोशिश की जारही है कि अन्ध विश्वास दूर हो मगर और वढता चला जारहा है । कहीं देवता प्रकट हो जाते है, कभी कही किसी पेड से अमृत तुल्य पानी झरने लगता है और लोग केन्सर ठीक कराने वहां पहुंच जाते है ।आपके जहन में बहुत सारे प्रश्न उठना स्वाभाविक है। दौनो बाते विल्कुल सत्य है ।ग्रामीण क्षेत्र में कोई चिकित्सक पदस्थ होना पसंद नहीं करता और आथर््िाक अभाव तो है ही ंसरकार आर्थिक लाभ पहुचाने का प्रयास करती है मगर क्या होता है आप भी जानती है ’’यहां तक आते आते सूख जाती है सभी नदियां/ हमे मालूम है पानी कहां ठहरा हुआ होगा ।
जवाब देंहटाएंAgreed with Brijmohan ji.
जवाब देंहटाएंस्वागत है लिखते चलिये
जवाब देंहटाएंbahut badiya prasuti... nirantar likhte rahiye...
जवाब देंहटाएंHaardik shubhkamnayen